Tig arc welding (टंगस्टन इनर्ट गैस वेल्डिंग)/GTAW WELDING/POWER UNIT,SHILDING GAS,WETER SUPPLY UNIT, WELDING TORCH

 TIG arc welding टंगस्टन इनर्ट गैस वेल्डिंग          welding (weldingwelder.blogspot.com)

टंगस्टन इनर्ट गैस वेल्डिंग सन 1940 में इंडस्ट्रीज में प्रचलित हुई इसे GTAW गैस टंगस्टन आर्क वेल्डिंग के नाम से जाना जाता है। प्रारंभ में इससे एलुमिनियम एवं मैग्नीशियम के आलय वैल्ड किए गए परंतु बाद में सभी मेटल की वेल्डिंग इसके द्वारा की जाने लगी। इसमें एक नांन_कंजुमेंबिल इलेक्ट्रोड टंगस्टन मेटल का होता है। जो एक विशेष इलेक्ट्रोड होल्डर में लगा होता है इसी इलेक्ट्रोड होल्डर से एक इनर्ट गैस आती है जो इलेक्ट्रोड तथा वैल्ड मेटल को सुरक्षात्मक आवरण प्रदान करती है। इससे वायुमंडल में उपस्थित ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन इलेक्ट्रोड तथा वैल्ड मेटल पर अपना कोई दुष्प्रभाव नहीं छोड़ पाती।

 




   टंगस्टन इनर्ट गैस वेल्डिंग में डीसी तथा एसी दोनों पावर प्रयोग की जाती है जब डीसी प्रयोग करते हैं तो इलेक्ट्रोड को हमेशा कैथोड बनाते हैं परंतु आवश्यकता अनुसार दोनों ही पोलैरिटी प्रयोग की जाती है स्टेट पोलैरिटी (dcsp) मैं पेनिट्रेशन अच्छा होता है तथा रिवर्स पोलैरिटी ( dcrp) मैं पेनिट्रेशन कम परंतु सफाई अच्छी आती है इलेक्ट्रोड का व्यास 0.5 मिलीमीटर से 6.5 मिलीमीटर तक रहता है तथा करंट 5 एंपियर से 650 एंपियर तक रहता है। 100 एंपियर तक की TIG वेल्डिंग गन को केवल हवा द्वारा ठंडा रखा जाता है परंतु 100 एंपियर से अधिक की करण पर पानी द्वारा ठंडा करने का प्रबंध किया जाता है फिलर मेटल के रूप में एक अलग से राड कोर्ट के अंदर लगाया जाता है जो बेस मेटल के साथ मिलकर वर्ल्ड मेटल बनता है।





इस विधि में फ्लक्स के स्थान पर इनर्ट गैस द्वारा श्रेडिंग की जाती है । इनर्ट गैस के रूप में आर्गन तथा हिलियम गैसों का उपयोग किया जाता है। आर्गन गैस भरी होती है तथा इसे नियंत्रित रखना आसान होता है कभी-कभी आर्गन व हिलियम दोनों को मिलाकर प्रयोग किया जाता है।

टंगस्टन इनर्ट गैस वेल्डिंग के मुख्य भाग _

1 पावर यूनिट

2 शिल्डिंग गैस 

3 पावर सप्लाई यूनिट

4 वेल्डिंग टॉर्च

1 पावर यूनिट_ TIG वेल्डिंग में पावर यूनिट के रूप में डीसी तथा एसी किसी भी मशीन को वेल्डिंग मशीन के रूप में प्रयोग किया जाता है एलुमिनियम तथा मैग्नीशियम धातु तथा उनके अलाय की वेल्डिंग के लिए ऐसी मशीनें प्रयोग की जाती है जबकि अन्य धातुओं के लिए डीसी मशीनें प्रयोग की जाती है डीसी मशीन प्रयोग करने पर इलेक्ट्रोड को कैथोड (_ve) बनाया जाता है।

2 शिल्डिंग गैस_ वैल्ड मेटल को वायुमंडल प्रभाव से बचाने के लिए शिल्डिंग गैसों की आवश्यकता रहती है इसमें भी  बेयर इलेक्ट्रोड प्रयोग किए जाते हैं शिल्डिंग गैसों के रूप में इनर्ट गैस जैसे आर्गन हिलियम आदि का प्रयोग किया जाता है इनर्ट गैसो के सिलेंडरों को नीले रंग से पेंट किया जाता है। सिलेंडर के ऊपर रेगुलेटर का प्रयोग कर गैस सप्लाई को कंट्रोल में रखा जाता है।

3 वाटर सप्लाई यूनिट_ 100 एंपियर से अधिक करंट प्रयोग करने पर टॉर्च को ठंडा करने की आवश्यकता बढ़ जाती है इसके लिए टॉर्च के अंदर से होकर पानी को फ्लो या जाता है यह यूनिट इसी काम को अंजाम देती है।

4 वेल्डिंग टॉर्च_ इसमें टंगस्टन इलेक्ट्रोड को पकड़ने के लिए एक कालेट लगा होता है। साथ ही शिल्डिंग गैस के फ्लो के लिए तथा कूलिंग वाटर के फ्लो के लिए भी इसमें रास्ते बने होते हैं जब करंट कम होती है तो टॉर्च एयर कूल होती है परंतु अधिक करंट के लिए वाटर कुल्ड कार्य प्रयोग की जाती है। इसमें 5 एम्पियर से 650 एंपियर का करण कार्य करती है वेल्डिंग टॉर्च के साथ में करंट केबल, आर्गन गैस होस, वाटर होस लगे होते हैं इसके कालेट में टंगस्टन का एक नान कजूमेंबिल इलेक्ट्रोड लगाकर आर्क बनाई जाती है। ये टंगस्टन इलेक्ट्रोड कई आकृति के होते हैं इनमें से पॉइंटेड कोनिकल का प्रयोग डीसी करंट में तथा गोल का प्रयोग एसी करंट में किया जाता है।



अनुप्रयोग_ इसका प्रयोग सभी किस्मों की कार्बन स्टील, कॉपर तथा उसकी अन्य मिश्र धातुए, एलुमिनियम तथा उसकी मिश्र धातुए, मैग्नीशियम तथा उसकी मिश्र धातुए, मोनल मिश्र धातुए तथा टाइटेनियम, जिरकोनियम तथा चांदी सोना आदि को वैल्ड करने में किया जाता है।

  TIG WELDING KE लाभ-

1 लगभग सभी धातुओं की वेल्डिंग टीग वेल्डिंग द्वारा की जा सकती है ।

2 इसके द्वारा दो अलग-अलग धातु को भी एक साथ जोड़ा जा सकता है।

3 इसमें पेनिट्रेशन अच्छा गहरा बनता है।

4 उस्मा प्रभावित क्षेत्र कम होता है।

5 स्पैटरिंग की समस्या नहीं होती है।

6 मेटल जमा करने की दर अधिक होती है।

7 सभी स्थितियों में वेल्डिंग की जा सकती है।

8 इलेक्ट्रोड को सुखाकर प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं होती है।

 TIG WELDING KI हानियां

1 इसके उपकरणों का सैट तुलना में अधिक कीमती है।

2 इसका सेट अप पोर्टेबल नहीं है।

3 अधिक मोटी चादरों को जोड़ने के लिए इसका प्रयोग नहीं किया जा सकता है।

4 इसके रख_रखाव पर अधिक खर्च आता है।

5 इसके द्वारा पूर्ण कुशल कारीगर ही वैल्डिंग कर सकता है।

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