वेल्डिंग के दोष ( defects of welding) welding (weldingwelder.blogspot.com)
वेल्डिंग दोष के प्रकार बताइये
वेल्डिंग के दोस्त को निम्न प्रकार वर्गीकृत किया गया है।
ऊपरी दोष अंदरुनी दोष
1 दरारें 1 आंतरिक रंध्रता
2 ऊंची_नीची बीड 2 ओवरलैप तथा ओवररोल
3 स्पेटर्स 3 वैल्ड मेटल में स्लैग
4 सतही रंध्रता 4 पेनिट्रेशन की कमी
5 किनारा पिघलना 5 कठोर और भंगूर जोड़
1 दरारे ( cracks) welding (weldingwelder.blogspot.com)
1 बीड की ऊपरी सतह पर दिखने वाली।
2 बीड के अंदरूनी भाग में स्थित।
दरारे किसी भी वेल्डिंग जोड़ के फेल होने का मुख्य कारण है। इनके कारण जोड़ की सामर्थ बहुत कम हो जाती है समय के साथ इनके और अधिक बढ़ने से जोड़ टूट सकते हैं ।
कारण
1 वैल्ड मेटल का दोष युक्त चुनाव होना।
2 जॉब की तुलना में बीड़ बहुत पतली होना।
3 जोड़ के डिजाइन में कमी होना।
4 फ्यूजन की कमी होना।
5 बेस मेटल में सल्फर और कार्बन का अधिक प्रतिशत होने से तन्यता का कम होना ।
सावधानियां
1 वेल्डिंग जोड़ का सही डिजाइन करना चाहिए।
2 जोड़ बनाते समय वीविंग का प्रयोग करना चाहिए।
3 वेल्डिंग रॉड का उचित चुनाव होना चाहिए।
4 जाब का पूर्व तापन कर लेना चाहिए।
5 लंबे जोड़ों को छोटे-छोटे भागों में बांट कर पूरा करना चाहिए।
2 ऊंची नीची बीड (uneven bead)
एक जोड़ में जोड़ की अवस्था के अनुसार बीड एक प्रकार की ही होनी चाहिए । बीड तीन प्रकार की होती है समतल ,उत्तल और अवतल बीड कहीं से अवतल और कहीं से उत्तल होने से कई प्रकार के दोस्त को इंगित करती है।
कारण
1 अकुशाल कारीगर होना।
2 वेल्डिंग की गति का कम और अधिक होना ।
3 पावर सप्लाई घटना और बड़ना।
4 फ्यूजन की कमी होना ।
5 वेल्डिंग सतह का साफ ना होना।
सावधानियां
1 कुशल कारीगर द्वारा वैल्डिंग करना ।
2 उचित वैल्डिंग राड़ का चुनाव ।
3 पावर सप्लाई को नियमित करना चाहिए।
4 वैल्डिंग से पहले जाब की सतह को ठीक से साफ कर लेना चाहिए।
5 उचित आर्क पहले जाब की सतह को ठीक से साफ कर लेना चाहिए।
3 स्पैटस ( spatters)
आर्क वैल्डिंग करते समय फिलर मैटल छिटक कर छोटी_बड़ी गोलियों के रूप में वेल्ड बीड के आसपास जाब पर चिपक जाती है। इसको स्पेटरिंग कहते है।
कारण
1 लम्बी आर्क प्रयोग करना ।
2 फलक्स में नमी रह जाना ।
3 अधिक वोल्टेज और अधिक करण का प्रयोग करना।
4 अनुचित प्रकार का वेल्डिंग रॉड प्रयोग करना।
5 आर्क ब्लो के कारण और नियंत्रण में ना रह पाना।
सावधानियां
1 वेल्डिंग से पूर्व सतह को ठीक प्रकार से साफ करें।
2 अधिक वोल्टेज और करंट का प्रयोग ना करें।
3 सही पोलैरिटी का प्रयोग करें।
4 सही मेटल की वेल्डिंग रॉड प्रयोग करनी चाहिए
5 वेल्डिंग रॉड ठीक प्रकार से सुखी हुई होनी चाहिए।
4 सतही रंध्रता (surface porosity)
वैल्ड धातु की पिछली अवस्था में कुछ गैस धातु में रह जाती है और जब धातु ठोस अवस्था में आती है तो धातु की घुलनशील ता कम होने के कारण यह गए से बाहर आने की कोशिश करती है परंतु ऊपरी सतह जल्दी ठंडी सख्त हो जाने के कारण वहीं ठहर जाती है और ऊपरी सतह को रंध्र बना देती है /
कारण
1 वैल्ड मेटल का तापक्रम बहुत अधिक होना।
2 अच्छा फ्लक्स प्रयोग ना किया जाना।
3 आर्क ब्लो का बढ़ जाना।
4 गीली इलेक्ट्रोड प्रयोग करना।
5 इलेक्ट्रोड की कोटिंग टूटी फूटी होना।
सावधानियां
1 अच्छी क्वालिटी की वेल्डिंग रॉड प्रयोग करनी चाहिए।
2 वैल्ड बीड की आवश्यक सिल्डिंग होनी चाहिए।
3 तापक्रम उचित रखने के लिए सही करंट और आर्क प्रयोग करनी चाहिए।
4 केवल सुखी इलेक्ट्रोड ही प्रयोग करनी चाहिए।
5 सही फ्लक्स का प्रयोग करना चाहिए।
5 किनारा पिघलना (undercut)
दोस्त पूर्ण तरीके से वेल्डिंग करने से जॉब के शुरू में ही अधिक धातु के पिघल जाने से कुछ स्थान खाली रह जाता है उस स्थान में फिलर धातु भी कम या नही रह जाती है।उक्त स्थान का क्रोसेशन एरिया रह जाने के कारण जोड़ कमजोर रह जाता है।
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कारण
1 विद्युत धारा का बहुत अधिक होना।
2 आर्क ब्लो का सही ज्ञान ना होना।
3 इलेक्ट्रोड का झुकाव उपयुक्त ना होना।
4 इलेक्ट्रोड अधिक मोटी होना।
5 गलत पोलैरिटी का प्रयोग करना।
सावधानियां
1 उपयुक्त धारा का प्रयोग करें।
2 आर्क ब्लो को कंट्रोल करने को इलेक्ट्रोड का झुकाव ठीक करें।
3 आर्क की लंबाई बहुत अधिक नहीं रखनी चाहिए।
4 वेल्डिंग की गति बहुत अधिक नहीं रखनी चाहिए।
5 सही पोलैरिटी का प्रयोग करना चाहिए।
अंदरूनी दोष
1 आन्तरिक रंध्रता (blow holes or porosity)
वेल्डिंग प्रक्रिया में जब फिलर मेटल पिघलती है तो वह अपने अंदर गैस सोख लेती है और जब यह धातु ठंडी होती है तो यह गैसे बाहर निकलने की कोशिश करती है इन गैसों के बाहर निकलने से धातु की आंतरिक संरचना में ब्लोहोल्स आ जाते हैं इसके मुख्य कारण निम्नलिखित है।
कारण
1 विद्युत धारा का बहुत अधिक होना।
2 अनुचित वेल्डिंग तकनीक का प्रयोग होना।
3 सही सही फिलर राड का प्रयोग ना होना।
4 आर्क आवश्यकता से अधिक बड़ा होना।
5 अच्छा फ्लक्स प्रयोग ना होना।
सावधानियां
1 अच्छा फ्लक्स प्रयोग करना चाहिए।
2 उचित विद्युत धारा का प्रयोग होना चाहिए।
3 सही वेल्डिंग तकनीक प्रयोग करनी चाहिए।
4 सुखी इलेक्ट्रोड का ही प्रयोग करना चाहिए।
5 आर्क की लंबाई सीमित रखनी चाहिए।
2 ओवरलैप तथा ओवररोल (over-lap and over-roll)
फिलर मेटल जब अधिक मात्रा में पिघल कर बेस मेटल की सतह पर बिना उससे फ्यूज हुए जम जाती है तो उसे ओवरलैप दोष कहते हैं इसके कारण वैल्ड साइज तो अधिक दिखता है परंतु उसकी शक्ति में कोई बढ़ोतरी नहीं होती इसके मुख्य निम्न कारण है।
कारण
1 अधिक व्यास की इलेक्ट्रोड प्रयोग करने के कारण।
2 वेल्डिंग करंट अधिक होने के कारण
3 वेल्डिंग स्पीड बहुत कम होना।
4 वेल्डिंग की पोजीशन ठीक ना होना।
5 वेल्डिंग का प्रयोग ठीक से ना होना।
सावधानियां
1 उचित साइज की इलेक्ट्रोड प्रयोग करनी चाहिए।
2 वेल्डिंग करंट अधिक नहीं होना चाहिए।
3 वेल्डिंग की स्पीड उचित होनी चाहिए।
4 वीविंग का उपयोग करना चाहिए।
5 वेल्डिंग करते समय जाब को सही पोजीशन में रखना चाहिए।
3 वैल्ड मैटल में स्लैग (slag incusion)
जब वेल्ड मेटल में बाहरी अधातु कण या स्लैग रह जाता है तो इसे स्लैग इंक्लूजन कहते हैं इसके कारण फिलर धातु का भाग घट जाने से जोड़ कमजोर हो जाता है साधारण यह दोष बीड की पुनरावृति से पहले सतह की ठीक सफाई न करने के कारण होता है।
कारण
1 कम करंट पर वेल्डिंग करना।
2 दूसरी बीड लगाते समय पहली बीड का स्लैग ठीक से ना उतारना।
3 वीविंग में समानता ना होना।
4 जोड़ ठीक प्रकार से ना भरना।
5 सतह पर गंदगी ,जंग आदि रह जाना।
सावधानियां
1 वेल्डिंग उचित करंट पर करनी चाहिए।
2 उचित वेल्डिंग इलेक्ट्रोड प्रयोग करनी चाहिए।
3 वीविंग में समानता होनी चाहिए।
4 जोड़ लगाने वाली सतह ठीक प्रकार से साफ होनी चाहिए
5 दूसरी बीड से पहले वाली बीड को ठीक प्रकार से साफ करना चाहिए।
4 पेनिट्रेशन की कमी (incomplete penetration)
जब वैल्ड मेंटल जोड़ की जड़ तक नहीं पहुंच पाता है तो वेल्डिंग की पेनिट्रेशन की कमी कहलाई जाती है। इसके कारण जड़ में रिक्त स्थान रह जाता है इसमें स्लैग वगैरा भरा जाता है इसके कारण दरारे भी पड़ जाती है। यह अधिकतर लंबवत या और ओवरहेड वैल्डिंग में होता है जोड़ कम शक्ति का बनने के कारण भार पड़ने पर टूट जाता है इसके मुख्य निम्न कारण है।
कारण welding (weldingwelder.blogspot.com)
1 कम व्यास की इलेक्ट्रोड का चुनाव होने पर।
2 वेल्डिंग सतह की तैयारी उचित ना होने पर।
3 करंट कम होना।
4 वेल्डिंग की गति अधिक होना।
5 बेक अप प्लेट प्रयोग न करने के कारण।
सावधानियां
1 उचित व्यास की इलेक्ट्रोड प्रयोग करनी चाहिए।
2 वेल्डिंग सतह की ऊंचीत तैयारी करनी चाहिए।
3 पहली बीड बनाने समय करंट अधिक रखनी चाहिए।
4 कुशल कारीगर द्वारा ही बिल्डिंग करानी चाहिए।
5 वेल्डिंग की गति सीमित रखनी चाहिए।
5 कठोर और भंगूर जोड़ (hard and brittle joint)
जब वेल्डिंग जोड़ों में वैल्ड मेटल के अंदर वायुमंडल से काफी मात्रा में हाइड्रोजन शोषित हो जाती है और वेल्डिंग बीड तेजी से ठंडी होती है तो उसमें कठोरता और भंगुरता आ जाती है।
कारण
1 वेल्डिंग रॉड में हाइड्रोजन तथा कार्बन की प्रतिशत अधिक होने के कारण।
2 जोड़ों का तेजी से ठंडा होने के कारण।
3 जॉब को प्रिहीट न करने के कारण।
4 इलेक्ट्रोड में अलाय एलिमेंट बेस मेटल के अनुरूप ना होने के कारण।
सावधानियां
1 वेल्डिंग करते समय अधिक से अधिक हिट जॉब को मिलनी चाहिए।
2 जॉब को तेजी से ठंडा होने से बचाना चाहिए।
3 जहां तक संभव हो जॉब को प्री हीट करना चाहिए।
4 लो हाइड्रोजन वेल्डिंग इलेक्ट्रोड प्रयोग करने चाहिए।
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