MELTING POINTS- वेल्डिंग में धातुओं के गलनांक का विशेष महत्व होता है।क्योकि धातुओं की FUSIBILITY गलनांक से सम्बन्ध रखती है। धातु जिस तापमान पर ठोस अवस्था से तरल अवस्था में आती है ,उसे धातु का गलनांक कहते है। धातुओं में पारा है जो ऐसी धातु है जो कमरे के तापमान पर तरल अवस्था में आती है। जिस धातु का तापमान कम होता है ,उन्हें वेल्ड करने के लिए कम तापमान की आवश्यकता होती है।
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धातुए अलग-अलग तापमान पर पिघलती है। जो इस प्रकार है।
Metal melting temperature
1 1 tin (टिन) = 232 °C
2 2 Lead (लैड) = 343°C
3 3 Zinc ( जस्ता) = 419 °C
4 4 Aluminum(एलुमिनियम) = 621_659°C
5 5 Bronze(कांसा) = 915 °C
6 Brass(पीतल) = 950°C
7 Silver (सिल्वर) = 960 °C
8 8 Copper (तांबा)= 1083°C
9 9 Cast iron (कास्ट आयरन)= 1150_1230°C
10 Monel metal (मोनल मैटल)= 1343°C
1 11 High carbon is steel (हाई कार्बन स्टील)= 1371°C
1 12 Medium carbon Steel (मीडियम कार्बन स्टील)= 1426°C
13 Stainless steel (स्टेनलेस स्टील)= 1426°C
14 Nickel (निकल)= 1449°C
15 Cobalt (कोबाल्ट)= 1480°C
1 16 Mild steel (माइल्ड स्टील)= 1510°C
17 Chromium ( क्रोमियम )= 1520
18 Wrought iron (राड आयरन)= 1593°C
1 19 Tungsten (टंगस्टन)=
3410°C
20 Carbon (कार्बन)= 3500 °C
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यह पर मै ने धातुओं के मेल्टिंग ताप के बारे में बताया है। जो वेल्डिंग कार्य के लिए बहुत ही महत्व रखता है।
वेल्डिंग करने के मेटल को गर्म करने की जरूरत होती है ,इस लिए मेटल का जितनी जरुरत है उतना गर्म होना जरुरी है इस लिए मेटल तापमान का सही जानकारी होना जरुरी है
मेटल में दो प्रकार होते है यह इस प्रकार है ,
फैरस मेटल - जिन धातुओं में लोहे की मात्रा होती है फैरस मेटल या लौह धातु कहते है इन धातु में लोहे की प्रधानता होती है जैसे -कास्ट आयरन , पिग आयरन , कार्बन स्टील अदि।
नान फैरस मेटल - जिन धातुओं में लोहे की बिलकुल मात्रा नहीं होती उन्हें नान फैरस या अलोह धातु कहते है /जैसे -ताम्बा पीतल कासा अदि /